तूफान : रोज मक्खन, घी और शहद मिला खिलाते हैं खाना, सर्दियों में बादाम-पिस्ता; साल में जीत चुका 4 रेस

तूफान : रोज मक्खन, घी और शहद मिला खिलाते हैं खाना, सर्दियों में बादाम-पिस्ता; साल में जीत चुका 4 रेस
तूफान

एक ऐसा घोड़ा जिसे मालिक 50 लाख में भी बेचने के लिए तैयार नहीं। इसका नाम है तूफान। जो दो साल में 12 से ज्यादा रेस में शामिल हो चुका और हमेशा मेडल लाया। कभी पहले तो कभी दूसरे स्थान पर रहा। शुक्रवार को बाड़मेर के थार महोत्सव में हुई घुड़दौड़ में भी वह अव्वल रहा। इस घोड़े के मालिक जालोर जिले के चितलवाना निवासी मोहनसिंह का कहना है कि कोई 50 लाख रुपए दे तो भी इसे नहीं बेचूंगा।

मोहनसिंह ने बताया कि कोई तूफान को खरीदने आता है तो मैं मना कर देता हूं। तूफान को 2021 से घुड़दौड़ में लेकर जा रहा हूं। तूफान के पिता रणजीत भी तिलवाड़ा की घुड़दौड़ में 14 साल तक लगातार फर्स्ट आए। मोहन अपने घोड़े से इतना प्यार करते हैं कि ब्रीडिंग भी किसी ओर से नहीं करवाते। अपने ही घोड़ों से करवाते हैं।

घोड़े के साथ मालिक मोहनसिंह।

गुजरात में हुई रेस में भी आया फर्स्ट
मोहनसिंह का कहना है कि इस साल तूफान ने 12 फरवरी को जोधपुर, 17 फरवरी को जालोर, 22 फरवरी को थराद (बनासकांठा), 25 मार्च को थार महोत्सव में 15 घोड़ों की रेस में भाग लिया। इन सभी में तूफान पहले नंबर पर रहा। गुजरात के थराद हुई रेस में 35 घोड़ों ने भाग लिया था। उसमें भी फर्स्ट आया।

थार महोत्सव के रेडाणा रण में घुड़दौड़, तूफान ने जीता मैदान।

हर रोज 500-800 रुपए का खर्चा
तूफान को रोज मक्खन के साथ चना, बाजरा, गेहूं को मिक्स करके दलिया बनाकर खिलाते हैं। 250 ग्राम मक्खन सुबह के समय देते हैं। दलिया सुबह-शाम दोनों वक्त करीब ढाई किलो देते हैं। तिल, शहद व घी खिलाते हैं। सर्दियों में बादाम व पिस्ता भी।

तूफान की जैसी स्पीड इस वजह से नाम तूफान
मोहनसिह बताते है कि तूफान की उम्र 6 साल है। तूफान नाम रखने के पीछे यह वजह थी कि तूफान शब्द अपने आप में रेस को दिखाता है। इसकी स्पीड की वजह से तूफान नाम दिया है। इसकी मां का नाम जिप्सी है। पिता का नाम रणजीत है। इसकी दादी को मैने मेरे अंकल से लिया था। तब से तीन पीढ़ियां मेरे पास ही हैं। मैंने आज तक किसी घोड़े व घोड़ी की बोली नहीं लगवाई है। मेरे घर में 20 घोड़े हैं। ज्यादातर सिंधी नस्ल के।

तूफान घोड़े ने लगातार चौथी जीती रेस।

तूफान के पिता रणजीत 14 साल तक जीते तिलवाड़ा की रेस
मोहनसिह बताते है कि इसके पिता रणजीत वर्ष 2019 तक तिलवाड़ा मेले में 14 साल तक लगातार पहले नंबर पर रहा। तूफान की मां जिप्सी भी बहुत अच्छी रेसर थी। जिप्सी ने भी कई मैदानों में जीत हासिल की। मां-बाप दोनों के अच्छे रेसर होने की वजह से यह भी अच्छा रेसर है।

किसान परिवार से घोड़े के मालिक
मोहनसिंह जागीरदार भी हैं। इनके पिता का नाम देवीसिंह है। बड़ा बेटे अहमदाबाद में व्यापार करता है। छोटा बेटा गांव में खेती ही करता है। इनके 250-300 बीघा जमीन है।