वीर क्रांतिकारियों के किस्सों पर बेस्ड फिल्में: फिल्म 'सरदार उधम' से लेकर 'केसरी' तक, ऐसी फिल्मों ने देश के वीर क्रांतिकारियों के अनसुने किस्सों को परदे पर बखूबी दिखाया है

फिल्म RRR दो भारतीय क्रांतिकारियों अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम की ब्रिटिश हुकूमत और हैदराबाद के निजाम के खिलाफ जंग पर बेस्ड है। ऐसी बहुत सी ही फिल्में है, जिनके बारे में हम सभी बहुत कम ही जानते है। आज हम ऐसी ही फिल्मों के बारे में बताएगें जो हमारे देश के वीर क्रांतिकारियों के जज्बो के अनसुने किस्सों को परदें पर बखूबी दिखाने में सफल रहीं।
1.सरदार उधम
फिल्म 'सरदार उधम' क्रांतिकारी सरदार उधम सिंह के जीवन पर आधारित है और इसमें विक्की कौशल ने मुख्य किरदार निभाया। सरदार उधम सिंह ने 1919 में अमृतसर में जलियांवाला बाग हत्याकांड में हुई मौतों का बदला लेने के लिए लंदन जाकर जनरल डायर को गोली मार दी थी।
2.राजी
राजी एक युवा भारतीय जासूस सहमत की सच्ची कहानी है। बात उस दौर की है, जब 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था, जो बाद में युद्ध का कारण बनता है। हरिंदर सिक्का के नॉवेल 'सहमत कॉलिंग' पर बेस्ड यह फिल्म हमें एक रोमांचकारी यात्रा पर ले जाती है। सहमत के पिता इंडियन इंटेलिजेंस में एजेंट हैं और वे अपनी बेटी को भी यही जिम्मेदारी सौंपना चाहते हैं। प्लान के तहत वे सहमत की शादी पाकिस्तानी मिलेट्री ऑफिसर के बेटे से करा देते हैं। इस तरह सहमत को पाकिस्तानी जनरल के घर में आसानी से एंट्री मिल जाती है। जिसके बाद सहमत अपने देश के लिए खूफिया जानकारी इकट्ठा करती हैं।
3.साय रा नरसिम्हा रेड्डी
ये फिल्म फ्रीडम फाइटर नरसिम्हा रेड्डी के बारे में है, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और उन्हें हराया भी था। बाद में हालांकि उन्हें फांसी पर लटका कर मार दिया गया था। अग्रेजों का एक जत्था प्रकासम जिले के गिड्डीलुरू में कैंप किए हुए था। नरसिम्हा रेड्डी ने अपनी सेना सहित अंग्रेजों के इस कैंप पर हमला बोल दिया। इसमें अंग्रेंजों को जबरदस्त तरीके से मुंह की खानी पड़ी थी। उन्हें न पकड़ पाने के मलाल में अंग्रेजों ने उनके परिवार को बंधक बना लिया। अपने परिवार को छुड़ाने के के लिए नरसिम्हा रेड्डी ने पास के ही नल्लामाला जंगल में डेरा डाल लिया। किसी खबरी ने उनके लोकेशन की खबर अंग्रेजों को दे दी। 6 अक्टूबर, 1846 की आधी रात को अंग्रेजों ने उस इलाके को चारों ओर से घेरकर नरसिम्हा को पकड़ लिया।
4. केसरी
ये फिल्म सारागढ़ी के युद्ध पर बेस्ड है, जो 12 सितंबर 1897 को लड़ा गया था। यह युद्ध सारागढ़ी नामक स्थान पर हुआ था। यह स्थान आजकल आधुनिक पाकिस्तान में है। उस दिन 10000 अफगानी सैनिकों ने तत्कालीन भारतीय आर्मी पोस्ट सारागढ़ी पर आक्रमण कर दिया। सारागढ़ी किले पर बनी आर्मी पोस्ट पर ब्रिटिश इंडियन आर्मी की 36वीं सिख बटालियन के 21 सिख सिपाही तैनात थे। ऐसे में अफगानों को लगा कि इस पोस्ट पर कब्जा करना काफी आसान होगा। पोस्ट पर तैनात सिख जांबाजों ने इतनी बड़ी सेना सामने देखकर भी भागने की बजाय आखिरी सांस तक लड़ने का फैसला किया। जब गोलियां खत्म हो गईं तो तलवारों से ही दुश्मन पर हमला बोल दिया। ऐसा घमासान युद्ध हुआ कि उसकी मिसालें आज तक दी जाती हैं।
5. सैम बहादुर
यह फिल्म सैम मानेकशॉ के जीवन पर आधारित है। सैम मानेकशॉ के सैन्य करियर में चार दशक और पांच युद्ध शामिल है। वह पहले भारतीय सेना अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया था और 1971 के भारत-पाक युद्ध में उनकी सैन्य जीत के कारण बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। इस फिल्म में विक्की सैम मानेकशॉ की भूमिका में नजर आऐगें।
6. गोरखा
यह फिल्म मेजर जनरल इयान कार्डोजो के जीवन पर बेस्ड है जिन्हें साल 1962, 1965 और खासकर साल 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनके अदम्य साहस और वीरता के लिए जाना जाता है। भारतीय सेना के गोरखा रेजिमेंट के इस जांबाज मेजर जनरल ने बांग्लादेश के सिलहट की लड़ाई में पाकिस्तानी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे। इयान कार्डोजो को उनकी बटालियन के लोग कारतूस साहब कहकर बुलाया करते थे। क्योंकि युद्ध के समय एक लैंडमाइन का भयंकर विस्फोट हुआ, जिसमें कई जवान घायल हुए। उस वक्त मेजर इयान कार्डोजो सबसे आगे थे, इसलिए उनका एक एक पैर लैंडमाइन ब्लास्ट में बुरी तरह जख्मी हो गया। उन्होंने हिम्मत दिखाई और अपनी ही खुखरी से खुद अपना पैर काटकर शरीर से अलग कर दिया। इस तरह लड़ाई में अपना पैर गंवाने के बाद भी जीवन में कभी हार नहीं मानी। मेजर कार्डोजो इंडियन आर्मी के पहले डिसएबल अफसर बने, जिन्होंने एक बटालियन को कमांड किया।