दिव्या भारती का दर्दनाक अंत: 18 की उम्र में धर्म बदलकर साजिद नाडियाडवाला से की शादी, 11 महीने बाद हुई मौत तो लोगों के सपने में आती रहीं दिव्या

दिव्या भारती का दर्दनाक अंत: 18 की उम्र में धर्म बदलकर साजिद नाडियाडवाला से की शादी, 11 महीने बाद हुई मौत तो लोगों के सपने में आती रहीं दिव्या

विश्वात्मा, डर, दीवाना, शोला और शबनम जैसी कई हिट फिल्मों में अभिनय कर चुकीं दिव्या भारती की आज 29वीं डेथ एनिवर्सरी है। दिव्या ने महज 16 साल की उम्र में एक्टिंग करियर शुरू किया था। दिव्या साल 1988 में बॉलीवुड डेब्यू करने वाली थीं, लेकिन उन्हें लगातार तीन फिल्मों से हटा दिया गया। आखिरकार दिव्या ने 1990 में आई तेलुगु फिल्म बोबली राजा से साउथ डेब्यू किया। साउथ के बाद दिव्या विश्वात्मा फिल्म से बॉलीवुड में आईं। पहली ही फिल्म से दिव्या को रातों-रात पॉपुलैरिटी मिल गई। इस फिल्म का गाना सात समुंदर काफी हिट हुआ था।

डेथ एनिवर्सरी पर जानते हैं कैसे शुरू हुआ चुलबुली दिव्या का कामयाबी से भरा सफर और कैसे एक हादसे से हुआ इस सफर का दर्दनाक अंत-

दिव्या भारती का जन्म 25 फरवरी 1974 में हुआ था। बचपन से ही चुलबुली पर्सनालिटी वाली दिव्या एक गुड़िया की तरह दिखती थीं। उन्हें पढ़ाई में बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी। पड़ोस में रहने वाले निर्माता जब दिव्या के पास फिल्में लेकर आते तो वो अपनी मां से पूछती थीं कि क्या फिल्में करने से उनका पढ़ाई से पीछा छूटेगा। 9वीं क्लास में दिव्या ने पढ़ाई छोड़ दी।

9वीं क्लास में ही ऑफर हुई थी फिल्म

साल 1988 में जब दिव्या महज 14 साल की थीं तब फिल्ममेकर नंदू तोलानी ने उन्हें अपनी फिल्म गुनाहों के देवता ऑफर की। ये दिव्या की डेब्यू फिल्म होने वाली थी लेकिन उनका रोल हटाकर संगीता बिजलानी को कास्ट कर लिया गया।

एक वीडियो लाइब्रेरी देखते हुए गोविंदा के भाई कीर्ति कुमार की नजर दिव्या पर पड़ी। उन्होंने राधा का संगम फिल्म में दिव्या को गोविंदा के साथ लेने का मन बना लिया। कीर्ति, दिव्या को लॉन्च करने के लिए काफी उतावले थे। दिव्या ने फिल्म के लिए महीनों तक डांस और एक्टिंग क्लासेस लीं, लेकिन आखिरी समय में उनकी जगह जूही चावला को साइन कर लिया गया। कीर्ति, दिव्या और उनके बचपने को लेकर काफी पजेसिव थे, जिससे टीम ने दिव्या को फिल्म से हटा दिया था।

साउथ फिल्म से की एक्टिंग करियर की शुरुआत

साल 1990 में दिव्या ने डी रामानायडु की तेलुगु फिल्म बोबली राजा से एक्टिंग डेब्यू किया। ये एक हिट फिल्म थी जो आज भी तेलुगु की सबसे आइकॉनिक फिल्मों में से एक मानी जाती है। इसके बाद दिव्या नीला पन्ने में दिखीं। महज दो फिल्मों से ही भारती की बराबरी विजयशांति से होने लगी जिन्हें साउथ इंडस्ट्री की द लेडी ऑफ सुपरस्टार और लेडी अमिताभ कहा जाता था। आगे दिव्या राउडी अल्लुडु, धर्म क्षेत्र में दिखीं।

बॉलीवुड का हर फिल्ममेकर करना चाहता था दिव्या के साथ काम

चंद साउथ फिल्में हिट होने के बाद ही बॉलीवुड का हर बड़ा फिल्ममेकर दिव्या को अपनी फिल्म में लेना चाहता था। दिव्या ने राजीव राय की 1992 में आई फिल्म विश्वात्मा से बॉलीवुड डेब्यू किया। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट नहीं हुई लेकिन इससे दिव्या को रातों-रात देशभर में पहचान बन गई थी। एक हफ्ते बाद ही भारती की दूसरी फिल्म दिल का क्या कसूर रिलीज हुई। ये फ्लॉप थी। भारती ने कहा, मैं खुद को साबित करना चाहती थी। मुझे फिर से चढ़ाई चढ़नी पड़ेगी। लेकिन में पॉजिटिव हूं कि मुझे एक दिन कामयाबी जरूर मिलेगी।

इसी साल दिव्या डेविड धवन की फिल्म शोला और शबनम में गोविंदा के साथ नजर आईं। ये दिव्या की पहली बड़ी हिट फिल्म थी। 1992 में ही दिव्या दीवाना, जान से प्यारा, दिल आशना है, बलवान, दिल ही तो है, दुश्मन जमाना, गीत में नजर आई।

18 साल की उम्र में की शादी कर बदला धर्म

शोला और शबनम फिल्म की शूटिंग के दौरान गोविंदा ने ही दिव्या को साजिद नाडियाडवाला से मिलवाया था। पहले दोनों में दोस्ती हुई और फिर प्यार। दोनों ने 10 मई 1992 में सीक्रेट वेडिंग कर ली। साजिद से शादी करने से पहले दिव्या ने इस्लाम कबूल कर सना नाम रख लिया। मुंबई की तुलसी बिल्डिंग में हुई इस शादी में सिर्फ दिव्या की हेयरड्रेसर, दोस्त संध्या, संध्या का पति, काजी ही शामिल हुए थे।

बिल्डिंग की 5वीं मंजिल से गिरीं दिव्या

दिव्या भारती चेन्नई से शूटिंग करके 5 अप्रैल 1992 में घर वापस पहुंची थीं। अगली सुबह उन्हें दूसरे शेड्यूल के लिए निकलना था। दिव्या अपना अगले दिन का शेड्यूल पोस्टपोन कर 7 अप्रैल का करना चाहती थीं। इसी बीच उनके पास डिजाइनर नीता लुल्ला का कॉल आया कि उन्हें आंदोलन फिल्म के लिए ड्रेस फाइनल करना है। आंदोलन फिल्म दिव्या के पति साजिद ही प्रोड्यूस कर रहे थे।

मौत के समय नशे में थीं दिव्या

जब नीता अपने पति श्याम लुल्ला के साथ दिव्या के घर पहुंची तो तीनों ने मिलकर शराब पी। घर में दिव्या की नौकरानी अमृता भी मौजूद थीं जो बचपन से दिव्या के साथ थीं। दिव्या को नशा चढ़ चुका था। दिव्या ड्रॉइंग रूम में बैठे मेहमानों से बात करते हुए अपार्टमेंट की विंडों की रेलिंग में बैठ गईं जो 12 इंच चौड़ी थी। बात करते हुए ही दिव्या ने अपना संतुलन खो दिया और 5वीं मंजिल से गिर गईं। दिव्या पीठ के बल गिरी थीं, लेकिन एंबुलेंस आने तक वो जिंदा थीं। पड़ोसियों की मदद से दिव्या को कूपर अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था।

दिव्या भारती की अचानक हुई मौत से कई नामी हस्तियों को शक की नजरों से देखा जाने लगा। कई लोगों ने इसे मर्डर बताया, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साबित हो गया कि दिव्या की मौत बालकनी से गिरने से आई हेड इंजरी और इंटरनल ब्लीडिंग से हुई है। 7 अप्रैल 1993 में दिव्या का अंतिम संस्कार एक सुहागन की तरह विले पार्ले में हुआ।

मौत से पहले खुद को नुकसान पहुंचाती थीं दिव्या

दिव्या की मां मीता ने एक फिल्मफेयर को दिए इंटरव्यू में बताया है कि दिव्या गुस्से में खुद को चोट पहुंचाती थीं। मौत से पहले दिव्या ने सिगरेट से खुद को जलाया था।

10 फिल्में अधूरी छोड़ गई थीं दिव्या

मौत से पहले दिव्या के पास करीब 10 फिल्में थीं, जिन्हें उनकी मौत के बाद दूसरी एक्ट्रेस को लेकर पूरा किया गया था। इनमें लाडला, मोहरा, दिलवाले, विजयपथ, आंदोलन, चिंतामणि (तेलुगु), कर्तव्य, दो कदम, हलचल, अंगरक्षक शामिल हैं।

लोगों के सपने में आती रहीं दिव्या

दिव्या की मौत के बाद उनकी मां ने एक इंटरव्यू में बताया कि दिव्या रोज उनके सपनों में आकर उन्हें जगाती थीं। मां के अलावा दिव्या की स्टोरी कवर कर रहीं पत्रकार वर्धा खान को कई महीनों तक दिव्या के सपने आते थे। स्टोरी के सिलसिले में वर्धा की मुलाकात साजिद से हुई और साल 2000 में दोनों ने शादी कर ली।