अरुणाचल प्रदेश में फिर एक्टिव हुआ ड्रैगन: चीन LAC पर बढ़ा रहा सड़क, रेल और एयर कनेक्टीविटी, भारतीय सेना भी तैयार

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अरुणाचल प्रदेश से लगी अतंरराष्ट्रीय सीमा के निकट अपनी ताकत बढ़ा रही है। भारतीय सेना की इस्टर्न कमांड के ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कालिटा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सीमा पर आ सकने वाली स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना भी अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर और क्षमता बढ़ा रही है।
चीन की क्षमता बढ़ेगी
लेफ्टिनेंट जनरल कालिटा ने कहा कि तिब्बत रीजन में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास चीन बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट कर रहा है। चीन अपनी सीमा के पास सड़क, रेल और एयर कनेक्टीविटी बढ़ा रहा है। इससे वह मजबूत स्थिति में होगा और अपनी सेना को जल्दी सीमा तक पहुंचा सकेगा।
स्थिति पर हमारी नजर
लेफ्टिनेंट जनरल कालिटा ने बताया कि चीनी अधिकारियों ने LAC के पास गांव बसाए हैं। इनका दोहरा उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। हम भी स्थिति का सामना करने के लिए अपनी क्षमता और मैकेनिज्म का विकास कर रहे हैं। इससे हम मजबूत स्थिति में होंगे।
तराई वाले इलाके और खराब मौसम बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि अग्रिम मोर्चों पर तराई वाले इलाके और खराब मौसम सेना की क्षमता बढ़ाने की राह में सबसे बड़ी चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशनल मुस्तैदी के साथ भारतीय सेना भी पूरी तरह तैयार है।
आठ महीने पहले भी सीमा के पास बनाए थे गांव

विस्तारवादी चीन ने छह महीने पहले सितंबर 2019 में भारतीय सीमा से सटे इलाकों में गांव बसाए थे। सैटेलाइट इमेज से अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक ओर एन्क्लेव बनाने का खुलासा हुआ था। इसमें करीब 60 इमारतें होने का दावा किया जा रहा था। 2019 से पहले इस जमीन पर एक भी इमारत नहीं थी और 2021 में 60 इमारतें बन गईं।
अमेरिकी सैटेलाइट कंपनी मैक्सर टैक्नोलॉजी की तरफ से इसकी इमेज जारी की गई थी। इमारतें पुराने कब्जे से 93 किलोमीटर दूर दिखाई दे रही थीं। यह इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बीच है। भारत हमेशा इस इलाके के भारतीय सीमा में होने का दावा करता रहा है।
एक महीने पहले लद्दाख सीमा पर लगाए टावर

चीन ने पिछले महीने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से सटे हॉट स्प्रिंग में 3 मोबाइल टावर लगाए हैं। लद्दाख के चुशुल क्षेत्र के पार्षद कोन्चोक स्तान्जिन ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की थी। कोन्चोक ने कहा था कि चीन सीमा के पास मोबाइल टावर बना रहा है। चीन पहले ही भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। चीन इन टावर का इस्तेमाल भारतीय क्षेत्र में निगरानी के लिए कर सकता है।
कोन्चोक ने कहा कि चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा। बीते दिनों चीन ने पैंगोंग झील पर पुल बनाया था और अब हॉट स्प्रिंग में तीन मोबाइल टावर लगाए हैं। क्या यह चिंता का विषय नहीं है? चुशुल पार्षद ने कहा कि भारत-चीन सीमा से सटे भारत के उन गांव में 4जी की सुविधा नहीं है, जहां लोग रहते हैं। मैं जिस क्षेत्र में रहता हूं वहां के 11 गांव 4जी नेटवर्क सेवा के दायरे के बाहर हैं।
सीमा से सटे इलाकों के विकास पर ध्यान न देकर हम पिछड़ रहे हैं। हमारे पास केवल एक मोबाइल टावर है वहीं चीन के पास 9 टावर हैं।