जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले आतंकियों का खौफ:
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले आतंकियों का खौफ:
जम्मू-कश्मीर में अगले 8 महीने के भीतर विधानसभा चुनाव कराने का ऐलान किया गया है। लेकिन पंच-सरपंचों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। इस महीने ही दक्षिण कश्मीर में आतंकियों ने तीन सरपंचों की हत्या कर दी। हालत ये हैं कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, बारामुला, बड़गाम, कुपवाड़ा, पुलवामा और श्रीनगर के पंच-सरपंच अपने परिवारों से दूर पुलिस की सुरक्षा में छिपने को मजबूर हैं।
जम्मू-कश्मीर पंचायत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन शफीक मीर का कहना है कि 2012 से अब तक कश्मीर में 24 पंच-सरपंचों की हत्याएं हो चुकी हैं। जम्मू-कश्मीर में जब भी चुनाव प्रक्रिया शुरू होने की कवायद होती है आतंकी पंच-सरपंचों को निशाना बनाने लगते हैं। पंचायतों के सदस्य चुनाव प्रक्रिया में आम वोटर्स को शामिल करने का काम करते हैं।
महीनों से परिवार से दूर
मीर कहते हैं कि ये आतंकियों को मंजूर नहीं होता है। उनका कहना है कि सरकार की ओर से पंच-सरपंचों को बस सरकारी आवासों में ठहरा दिया जाता है। घाटी में दहशत कम करने के कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। एक अन्य सरपंच इलियास अहमद का कहना है कि वे कई महीने तक अपने परिवार से नहीं मिल पाए हैं। पुलिस सुरक्षा में आना-जाना पड़ता है। हाल की हत्याओं से दहशत बनी हुई है।
आतंकियों की दहशत फैलाने की साजिश
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद अगले आठ महीने में चुनाव होने हैं। सरपंच रहे अनीस गनी का कहना है कि जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों में नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में चुनावों पर सवाल उठ रहा है। इस बीच कश्मीर IGP विजय कुमार ने दक्षिणी कश्मीर के जिलों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के आदेश दिए हैं।