National Backward Classes Commission: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने की बैठक
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, श्री नरेश कुमार एवं अन्यर विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण आरक्षण नीति संबंधी विषय पर समीक्षा बैठक किया।
National Backward Classes Commission: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यनक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, श्री नरेश कुमार एवं अन्यर विभागों के प्रमुख सचिवों/सचिवों के साथ अन्यर पिछडे वर्गों के कल्याण आरक्षण नीति संबंधी विषय पर समीक्षा बैठक किया। इस बैठक की पुरी जानकारी जानने से पहले हम पहले ये जान लेते हैं कि ये आयोग क्या है? इसके अध्यक्ष कौन हैं ? और साथ में हम ये भी जानेंगे कि इस आयोग में कितने सदस्य होते हैं?
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम क्या है ?
102वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2018 राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) को संवैधानिक दर्जा प्रदान करता है। इसे सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के बारे में शिकायतों तथा कल्याणकारी उपायों की जाँच करने का अधिकार प्राप्त है। इससे पहले NCBC सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक सांविधिक निकाय था।राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) अधिनियम, 1993 के बारे में जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) अधिनियम, 1993 एक ही बहुत ही महत्वपुर्ण आयोग है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन आज न्यू महाराष्ट्रा सदन नई दिल्ली में किया गया। आयोग में पाँच सदस्य होते हैं जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा तीन अन्य सदस्य शामिल हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एवं उसके मुहरयुक्त आदेश द्वारा होती है।
आम जनता की शिकायतों पर चर्चा किया गया
National Backward Classes Commission: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने दिल्ली सरकार के अधीन विभिन्न विभागों, शिक्षण संस्थानों, चिकित्सार एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नियुक्तियों में अन्य व पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण और शिक्षण संस्थानों/ चिकित्सा संस्थानों में अन्य पिछड़े वर्गों के लिए प्रवेश में आरक्षण संबंधी विषय पर दिनांक 13.09.2023 को समीक्षा बैठक किया । समीक्षा बैठक में दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव, श्री नरेश कुमार एवं अन्य विभागों के प्रमुख सचिवों/सचिवों ने भाग लिया। आयोग ने केंद्र/राज्य सरकारों द्वारा बनाई गई नीतियों के अनुसार ओबीसी के हितों की सुरक्षा से संबंधित नीतिगत मुद्दों और आम जनता की शिकायतों पर चर्चा किया ।
ओबीसी प्रमाण पत्र बनाने हेतु कट-ऑफ पर चर्चा
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने बताया कि वर्तमान में दिल्ली राज्य में ओबीसी प्रमाण पत्र उन व्यक्तियों को जारी किए जाते हैं जो वर्ष 1993 से पहले दिल्ली के निवासी हैं। आयोग ने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों से आकर दिल्ली में प्रवास किये हुये लोगों के ओबीसी प्रमाण पत्र बनाने हेतु कट-ऑफ 15 वर्ष आगे बढाते हुए 2008 से निर्धारित किया जाए। इसके अलावा आयोग ने संबंधित विभाग को दिल्ली राज्य सूची में ओबीसी की केंद्रीय सूची को अपनाने और इस संबंध में एक नीति तैयार करने का भी निर्देश दिया। साथ ही इसके अलावा आयोग ने समयबद्ध तरीके से ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक तंत्र बनाने का निर्देश दिया। श्री नरेश कुमार, मुख्य सचिव, दिल्लीभ सरकार ने आयोग को आश्वाेसन दिया है कि आयोग द्वारा दिये गये सुझावों पर सरकार गम्भीरतापूर्वक विचार करेगी ।
ओबीसी आरक्षण नीति को सख्ती से लागू करने का निर्देश
आयोग ने दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों के अधीन ओबीसी के 4680 बैकलॉग पदों की रिक्तियों का कारण पूछे जाने पर मुख्यि सचिव, दिल्ली सरकार ने बताया कि उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिल पाने के कारण ओबीसी के पद खाली पड़े हैं। आयोग ने ओबीसी श्रेणी के लिए विशेष भर्ती अभियान शुरू करके सभी स्तरों पर ओबीसी के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया, जिस पर दिल्लीे सरकार के मुख्य सचिव ने अयोग को आश्ववास्त किया कि ओबीसी के 4680 बैकलॉग पद 31.03.2024 तक भर दिया जाएगा। आयोग ने दिल्लीं सरकार में 45 दिनों से अधिक की संविदा नियुक्तियों के मामलों में ओबीसी आरक्षण नीति को सख्ती से लागू करने का भी निर्देश दिया, जिसे दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने लागू करने का वादा किया।
केंद्र सरकार द्वारा जारी राशि पर हुई बातचीत
सुनवाई के दौरान यह बात सामने आयी कि केंद्र सरकार द्वारा जारी राशि की 25% प्रतिपूर्ति निजी स्कूलों को समय पर जारी नहीं की जाती है जिससे पिछडे वर्ग के बच्चों की पढ़ाई समय से नहीं हो पाती हैं। आयोग ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग को अग्रिम धनराशि जारी करने के लिए नीति तैयार करने के लिए सुझाव दिया जिसे दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने जल्दी ही एक नयी नीति तैयार करने के लिए आश्वासन दिया ।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने परिवार कल्यााण मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्तद सचिव, संयुक्ती सचिव, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सचिव, उप-महानिदेशक शिक्षा, राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट), भारतीय उपचर्या परिषद् एवं राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अन्य पिछड़े वर्गों के कल्यायणार्थ क्रियान्वित आरक्षण नीति संबंधी विषय पर समीक्षा बैठक किया ।
राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी रहे मौजूद
भारत सरकार और उसके अधीन विभिन्नन विभागों/चिकित्सार संस्था नों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों इत्यािदि में अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण क्रियान्वित आरक्षण नीति संबंधी विषय पर समीक्षा बैठक किया। समीक्षा बैठक में परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्तय सचिव, संयुक्ते सचिव, राष्ट्री य चिकित्साष आयोग के सचिव, उप-महानिदेशक चिकित्सा, शिक्षा, राष्ट्री य पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट), भारतीय उपचर्या परिषद् एवं राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव ने आयोग को बताया कि शैक्षणिक सत्र 2021-2022, 2022-2023, एवं 2023-2024 (13.09.2023 तक) राज्य द्वारा ऑल इंडिया कोटा के तहत केन्द्र को योगदान की गयी। MBBS के कुल सीटों में से 5523 ओबीसी के छात्र/छत्राओं का प्रवेश MBBS में हुआ है। शैक्षणिक सत्र 2021-2022, 2022-2023, एवं 2023-2024 (13.09.2023 तक) राज्यो द्वारा ऑल इंडिया कोटा के तहत केन्द्र् को योगदान की गयी। MD/MS के कुल सीटों में से 8867 ओबीसी के छात्र/छत्राओं का प्रवेश MD/MS में हुआ हैं। इसके लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने केन्द्र सरकार की नीतियों का सराहना किया।
मेडिकल कॉउसिल ऑल इडिया पर भी हुई बातचीत
National Backward Classes Commission: लगभग 2000 भारतीय छात्र/छत्रायें मेडिकल कॉउसिल ऑल इडिया के अनुमति एवं वर्ष 2017 मे नीट के परीक्षा मे भाग लेने के बाद MBBS के पढाई करने के लिए फिलिपींस गये थे । पढाई पूरी करने के बाद भारत आने पर उन्हें नेशनल मेडिकल कमीशन ने MBBS की मान्यता देने से मना कर दिया और नीट की परीक्ष पास करने के लिए कहा। सुनवाई के दौरान आयोग के सुझाव पर नेशनल मेडिकल कमीशन के सचिव ने आयोग को कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन के अध्यक्ष से वार्ता करके 10 अक्टूसबर, 2023 तक मामले का फैसला कर दिया जायेगा ।