Rajasthan Election: बीजेपी के ये 5 दिग्गज नेता बदल रहे हैं सीट!
राजस्थान के प्रमुख नेता अगले दो-तीन महीने में विधानसभा चुनाव के मैदान में होंगे। बीजेपी के दिग्गज भी तैयारी में जुटे हैं। हालांकि कई दिग्गजों के चुनाव क्षेत्र इस बार बदले जाने की चर्चाओं का बाजार गरम है।
इनमें नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी का नाम भी बताया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ इस बार अपनी सीट बदल सकते हैं। उनकी परम्परागत सीट चूरू इस बार बदले जाने की चर्चाएं हैं। हालांकि राठौड़ छह बार विधायक चुनाव जीत चुके हैं। पहले तारानगर उनकी परम्परागत सीट थी लेकिन परिसिमन के बाद चूरू से चुनाव लड़ते रहे। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में राठौड़ ने मजह 1850 वोटों से जीत हासिल की थी। उनके सामने कांग्रेस प्रत्याशी रफीक मंडेलिया ने उन्हें अच्छी टक्कर दी थी। बताया जा रहा है कि इस बार बिना कोई रिस्क लेते हुए राठौड़ के लिए सुरक्षित सीट ढूंढ़ी जा रही है।
बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां की सीट भी बदले जाने की चर्चाएं हैं। आमेर विधानसभा सीट से पूनियां पहली बार ही विधायक बने हैं। हालांकि सतीश पूनियां ने 13276 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी प्रशांत शर्मा को अच्छी शिकस्त दी लेकिन राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चाएं चल रही हैं कि कांग्रेस के लालचंद कटारिया इस बार आमेर से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। आमेर में जाट समाज के काफी मतदाता हैं। ऐसे में अगर आमेर से दो जाट नेता चुनाव मैदान में उतर गए तो एक जाट नेता को शिकस्त मिलना तय है। इसी कारण पूनियां के लिए सुरक्षित सीट तलाशी जा रही है।
राजस्थान बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे डॉ. अरुण चतुर्वेदी की सीट भी बदली जा सकती है। वर्ष 2013 में अरुण चतुर्वेदी ने पहली बार सिविल लाइन सीट से चुनाव लड़ा था। चतुर्वेदी ने प्रताप सिंह खाचरियावास को हराया और वसुंधरा राजे ने उन्हें अपने मंत्री मंडल में शामिल किया था। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में प्रताप सिंह खाचरियावास के सामने अरुण चतुर्वेदी को हार का सामना करना पड़ा। चतुर्वेदी 18078 वोटों से चुनाव हार गए थे। चर्चा है कि इसबार चतुर्वेदी किसी दूसरी सीट से दावेदारी कर सकते हैं।
जयपुर की मालवीय नगर सीट से कालीचरण सराफ भी इस बार सीट बदलने के मूड में हैं। हालांकि वे इस सीट से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 2013 के चुनावों में कालीचरण सराफ ने कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अर्चना शर्मा को 48 हजार वोटों से हराया था लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में डॉ. अर्चना शर्मा ने कालीचरण सराफ को कड़ी टक्कर दी। सराफ महज 1704 वोटों से चुनाव जीत सके। अगर कांग्रेस पहले प्रत्याशी की घोषणा करते हुए डॉ. अर्चना शर्मा को मैदान में उतारती है तो कालीचरण सराफ के लिए सुरक्षित सीट ढूंढ़ी जा सकती है। बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी पिछले चुनावों में चुनाव हार गए थे। उन्हें जयपुर की आदर्श नगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन रफीक खान के सामने परनामी को हार का सामना करना पड़ा। रफीक खान ने 12553 वोटों से परनामी को शिकस्त दी थी। चूंकि परनामी वसुंधरा राजे के सबसे नजदीकी नेताओं में से एक हैं। साथ ही वे संघ से जुड़े सीनियर नेता हैं। ऐसे में उनके लिए सुरक्षित सीट ढूंढे़ जाने की चर्चाएं हैं।