सचिन पायलट सहित 18 समर्थक विधायकों को हाईकोर्ट का नोटिस:स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी थी, 25 मई को अगली सुनवाई

सचिन पायलट सहित 18 समर्थक विधायकों को हाईकोर्ट का नोटिस:स्पीकर के नोटिस को चुनौती दी थी, 25 मई को अगली सुनवाई

सचिन पायलट खेमे की बगावत के वक्त विधानसभा स्पीकर के नोटिस को विधायकों द्वारा चुनौती देने वाली याचिका का मामला एक बार फिर जिंदा हो गया है। जो दलबदल कानून के तहत जारी किया गया था। हाईकोर्ट ने सचिन पायलट सहित उनके समर्थक 18 विधायकों को नोटिस जारी कर 25 मई तक जवाब मांगा है। इस मामले में अगली सुनवाई 25 मई को होगी। पीआर मीणा वर्सेज विधानसभा स्पीकर केस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये नोटिस जारी किए हैं।

सचिन पायलट समर्थक जिन विधायकों को नोटिस जारी हुए हैं, उनमें से 5 मंत्री हैं। इनमें मंत्री विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, हेमाराम चौधरी, बृजेंद्र ओला, मुरारीलाल मीणा शामिल हैं। सचिन पायलट खेमे की बगावत के वक्त विधानसभा स्पीकर ने बागी विधायकों को दलबदल कानून के तहत नोटिस जारी किए थे। पायलट कैंप की तरफ से पीआर मीणा ने उस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। यह केस सुप्रीम कोर्ट तक गया था। इस केस में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी, विधानसभा स्पीकर, सचिन पायलट कैंप, केंद्र और राज्य सरकार के अलावा एक अन्य पक्षकार मोहन लाल नीमा भी पार्टी है। पीआर मीणा की तरफ से वकील लोकेश शर्मा, स्पीकर की ओर से प्रतीक कासलीवाल, पायलट कैंप की ओर से दिवेश माहेश्वरी और मोहन लाल नीमा की तरफ से विमल चौधरी पैरवी के लिए पेश हुए।

पायलट खेमे के वकील ने कहा- मेरे क्लाइंट से कोई रेस्पोंस नहीं मिला, हाईकोर्ट ही पूछ ले
पीआर मीना वर्सेज स्पीकर केस में आज सुनवाई के दौरान पक्षकार के वकील विमल चौधरी की ओर से तर्क दिया गया कि सभी 19 विधायक कांग्रेस पार्टी में लौट आए हैं, इनमें से कई फिर से मंत्री भी बन गए हैं इसलिए इस केस को अब आगे चलाने का कोई फायदा नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा। इस पर सचिन पायलट सहित अन्य 18 विधायकों के वकील दिव्येश माहेश्वरी ने कहा कि उन्हें अपने क्लाइंट की ओर से कोई इंस्ट्रक्शन नहीं है,कई बार संपर्क किया गया, लेकिन कोई रेस्पोंस नहीं मिला। ऐसे में कोर्ट ही उन्हें नोटिस जारी करके जवाब ले। पायलट खेमे के वकील के इस तर्क के बाद हाईकोर्ट ने पायलट सहित 18 विधायकों को केस खत्म करने को लेकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

पायलट कैंप से सुलह हो गई लेकिन केस अभी तक हाईकोर्ट में
सचिन पायलट खेमे की बगावत के वक्त दलबदल के तहत स्पीकर के नोटिस के बाद बागी विधायक स्पीकर के सामने पेश नहीं हुए थे। उस वक्त पायलट कैंप ने स्पीकर के नोटिस को जुलाई 2020 में हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, यह मामला हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक गया था। बाद में अगस्त 2020 काे पायलट कैंप और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे की सुलह हो गई और बागी वापस लौट गए। पायलट कैंप से सुलह के बावजूद हाईकोर्ट में लंबित रह गया। सुलह के बाद सियासी हालात बदल जाने से उस केस को आगे बढ़ाने में किसी ने रुचि नहीं दिखाई। अब सचिन पायलट खेमे को इस केस को खत्म करने पर जवाब देना है।